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मंगलवार, 17 जनवरी 2012

मुझे उस एक रोज की तलाश है.............


काश ऐसा एक रोज़ हर किसी की ज़िन्दगी मे आये

और वो उसमे अपनी पूरी ज़िन्दगी जी जाये

कौन सा???

कुछ होने और ना होने के बीच की खाली जगह

कितना सुकून होता है ना उसमे …………

शायद वो ही अपने लिये जीना होता है।


मुझे उस एक रोज की तलाश है.............



जहाँ मै होकर भी ना होऊँ मगर खुद से मुलाकात हो जाये

इक अश्क ढलक जाये हौले से …………

बह जाये सागर तक्………

समाहित हो जाये…………

और मै जी जाऊँ उस ना होने मे…………उस खालीपन मे

आह! क्या अब तक मै ज़िन्दा हूँ?

33 टिप्‍पणियां:

  1. खालीपन को जीने में बहुत आनंद है..

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  2. खालीपन में खुद की तलाश .. सुन्दर प्रस्तुति

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  3. कभी -कभी खाली पन में जीनेका अहसास सुखदायी होता है..बहुत सुन्दर अद्भुत भाव....मेरी नई पोस्ट मे आप का आना मेरे लिए भी सुखद होगा....

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  4. वाह बहुत अच्छा......खालीपन का ये अहसास सभी कुछ भर देता है|

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  5. बहुत सुन्दर...खालीपन में जीने की चाह कहाँ पूरी हो पाती है..

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  6. कुछ वक्त का खालीपन खुद को जीने के लिए ठीक है ......
    पर निरंतर ऐसा खालीपन ...जीने की इच्छा छीन लेता हैं

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  7. खालीपन में जीवन बिताने की कल्पना को लेकर बुना ख्वाब नयी कल्पना को उड़ान देता है ...
    अच्छा लिखा है ...

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  8. WAHA TAK PAHUCHNE KI TADAP MUJHME BHI......HAR PANKTI KA PRATYEK SHABD EESWARIYA HAI......KABILETAREEF SE OOPAR.

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  9. खालीपन को जीना ही तो शायद अपने को जीना होता है..बाकि सब तो मुखौटों को लगाना और उतारना भर ही है..

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  10. कभी कभी जरुरी है ये खालीपन और उसमें जीना.

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  11. khalipan mein jeena...wah kya khayal hai....


    bahut khoob

    www.poeticprakash.com

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  12. vndna ji zindgi kaa itnaa drd sirf itne se alfaazon me vaah bahn vaah .....akhtar khan akela kota rajsthan

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  13. behtareen bhaav.khalipan prakriti janya hai prakrati hi bhar deti hai .

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  14. मन की गहराइयो का खालीपन जिसे शब्दों में उतरा है आपने....

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  15. vo khalipan hi to hota hai jab khud ko paya ja sakta hai. to dhoondhiye na us khalipan ko jaldi se....

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  16. सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!

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  17. वाह ! बहुत ही सुन्दर और मनभावन रचना के लिए बधाई

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  18. Aapkee lekhni se ek aur marmik kavita . Badhaaee .

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  19. जब कोई अपने से मिल रोता है,
    वह पल उसका ,अपना होता है !

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  20. ध्यानस्थ व्यक्ति का प्रतिपल ऐसे ही क्षणों में गुज़रता है। कभी उतर के देखिए।

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  21. ध्यानस्थ व्यक्ति का प्रतिपल ऐसे ही क्षणों में गुज़रता है। कभी उतर के देखिए।

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  22. बहुत सुन्दर रचना...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!

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  23. आयेगा तो सही .. उम्र अभी बाकी है ..!

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