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शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

कहाँ हो तुम?

याद तो होगा तुम्हे
वो बरसात का मौसम
जिसमे भीगे थे
दोनो के तन मन
एक सुनसान सडक पर
लम्बा सफ़र था
दोनो का साथ था
और मौसम का भी
अपना अन्दाज़ था
खामोशी पसरी हुई थी
मगर बूँदो की आवाज़
मधुर धुन घोल रही थी
दिल की धडकनो के साथ
हर आवाज़ से अन्जान
जब तुमने अचानक कहा था
याद तो होगा ना………
कैसे मौसम वही ठिठक गया था
आसमाँ से उतरती बूँदोँ की लडियों
ने जैसे कोई शामियाना बनाया था
और वक्त तो जैसे आज भी
वही उस भीगे मौसम मे भीग रहा है
और तुमने कहा था
आज तक किसी ने किसी को
इस तरह ना कहा होगा
ए बूंदों तुम गवाह रहना
मेरी इस बात की
लो आज मै इस बरसात को
साक्षी बना कहता हूँ
मैने दिल तुम्हे दे दिया
क्या रख सकोगी संभाल कर………जानाँ
और देखो तुम्हारी जानाँ
उसी सुनसान राह पर
तुम्हारे दिल को संभाले
आज भी वैसे ही
बारिश मे भीग रही हूँ
ए ………बताओ ना
कहाँ हो तुम?

35 टिप्‍पणियां:

  1. इस पोस्ट को पढ़ते ही राज कपूर साहब का वो गाना याद आ गया...प्यार हुआ इकरार हुआ है......वही समां बाँध दिया है आपने.....सुन्दर|

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  2. उसी सुनसान राह पर
    तुम्हारे दिल को संभाले
    आज भी वैसे ही
    बारिश मे भीग रही हूँ
    ए ………बताओ ना
    कहाँ हो तुम?

    हमने सुना है कि 'वो' आपके दिल में ही हैं.
    दिल को संभाले रखियेगा,और उनके साथ भीगने का आनंद भी लेती रहिएगा.

    वाह ! क्या प्यार भरे जज्बात हैं आपके.
    कमाल की बेचैनी का आलम प्रस्तुत किया है
    आपने.
    भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.

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  3. वाह ...खूबसूरत अहसासों के साथ ..बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
    बधाई ||

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  5. क्या बात कही है? बहुत सुंदर अहसास प्रस्तुत किया है. लेकिन डर है कि कहीं निमोनिया न हो जाये. इस लिए अब छत के नीचे आ जाओ. बहुत हो गया. विश्वास है की तुमने उसे सहेज कर रखा है.

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  6. उसी सुनसान राह पर
    तुम्हारे दिल को संभाले
    आज भी वैसे ही
    बारिश मे भीग रही हूँ
    ए ………बताओ ना
    कहाँ हो तुम?
    Bahut kasak aur peeda samayee huee hai is rachana me!

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  7. ए ………बताओ ना
    कहाँ हो तुम?

    क्या बात है ..:) बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति

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  8. उसी सुनसान राह पर
    तुम्हारे दिल को संभाले
    आज भी वैसे ही
    बारिश मे भीग रही हूँ
    ए ………बताओ ना
    कहाँ हो तुम?
    is rachna se title kafi mel kha raha hai --jindagi ....ek khamosh safar
    jawab ki umeed me jindagi ke safar yoon hi hote hai -nahi udas nahi ,bas ek chup si lagi hai .......

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  9. आपको हरियाली अमावस्या की ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं .

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  10. लगता है आज दिल्ली मे बहुत बरसात हो रही है। बरसात का खूब असर दिख रहा है। शुभकामनायें।

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  11. खूबसूरत अहसासों को पिरोती हुई एक सुंदर भावप्रवण रचना. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  12. आज फ़िर खेली है हमने लिंक्स के साथ छुपमछुपाई चर्चा में आज नई पुरानी हलचल

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  13. स्मृति कोष से छलक कर कुछ बूंदे कविता में परिणित हो गई हैं।
    कविता ने मन को भिगो दिया।

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  14. सावन के सुहाने मौसम में आपने क्लास लगा दी. कविता ने हमें भी भिगो दिया भावों कि बारिस से. बधाई.

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  15. मन को छू लेने वाली सुन्दर सावनी रचना....

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  16. बहुत ही मनभावन कोमल प्रेम की रिमझिम फुहार सी शब्दों से भी अधिक सुन्दर रचना....

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  17. वाह क्या बात है!बरसात के हवाले से!

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  18. बारिश के मौसम में कई सवाल दिल में उठते हैं..

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  19. वंदना
    देरी से आने के लिये क्षमा.
    बहुत सी कविताएं छूट गयी है .. बहुत दिनों के बाद जो आना हुआ ..
    लेकिन इस कविता ने मन को बाँध लिया .. क्या खूब लिखा है .. अंतिम पंक्तियों ने जादू कर दिया है ,,..

    बधाई
    आभार

    विजय

    कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html

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आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं …………………अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ………शुक्रिया