जो रूह बना
लहू बन
रगो मे बहा
फिर कैसे कहूं
कोई नही है
कोई तो है
जो अहसास
जगा गया
अरमानो को
दीप दिखा गया
फिर कैसे कह दूं
कोई नही है
कोई तो है
जो सच कह गया
मगर दिल भी
जला गया
कुछ अपना
दुखा गया
कुछ मेरा
कोई तो है
जो सच कह गया
मगर दिल भी
जला गया
कुछ अपना
दुखा गया
कुछ मेरा
फिर कैसे कह दूं
कोई नही है
कोई नही है
कोई तो है
कहीं तो है
मगर अब
आकार नहीं लेते
हसरतें जवाँ नहीं होतीं
एक टीस सी उठती है
शायद दर्द बन कर
पल रही है
फिर कैसे कहूं
कोई नहीं है
कोई तो है
जरूर है ............कोई ना कोई
शायद तुझमे मैं और मुझमे तू
कहीं तो हैं...........है ना
बहुत सुंदर.एहसास .-
जवाब देंहटाएंकोई निश्चित ज़रूर है -
behtreen rachna
जवाब देंहटाएंकोई तो है
जवाब देंहटाएंजरूर है ............कोई ना कोई
शायद तुझमे मैं और मुझमे तू
कहीं तो हैं...........है ना
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बहुत गहरे भाव हैं ...शुक्रिया
कोई तो है
जवाब देंहटाएंजरूर है ............कोई ना कोई
शायद तुझमे मैं और मुझमे तू
कहीं तो हैं...........है ना
wah na ho to is dwand se nikalne ke marg awruddh ho jayen , wah hai , ek vishwaas .... prashn kaisa !
बहुत खूब कोई होता है दिल मे तभी इतने एहसास उठते हैं। बधाई सुन्दर रचना के लिये।
जवाब देंहटाएंआपकी हर कविता कुछ अलग रंग, भाव में दिखती है और मन को वीराने में छोड़ देती है.. सुन्दर प्रेम कविता..
जवाब देंहटाएंसूरज को चिराग दिखाना जैसे कुछ है.....कोई तो है.....जरुर कोई तो है....जो दिल में मुहब्बत बन कर बसता जा रहा है...कोई तो है....कहीं वो.....
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ कह रही है आप कि कविता.......बहुत कुछ...और क्या लिखूं.....
फूलो रे नीम फूलो....आप कि प्रतीक्षा में है......
बहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएं... bahut sundar ... bahut khoob ... behatreen ... laajawaab ... !!!
जवाब देंहटाएंnice rachna
जवाब देंहटाएंवाकई ..सुन्दर अभिव्यक्ति .....सुभकामनाये
जवाब देंहटाएंdard kahta hai koi hai,
जवाब देंहटाएंehsaason me koi to hai...
वंदना जी,
जवाब देंहटाएंआप के लेखन में निरंतरता बनी हुई हैं,आप अच्छा लिख रही हैं,मेहनत से लिख रही हैं.अतः साधुवाद आपको.
सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबधाई
बहुत खूब ...सच कहा आपने ...बेहतरीन रचना ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ! प्यार ऐसा ही होता है ... एक दुसरे में जीना !
जवाब देंहटाएंइस कविता पर बहुत मुछ कहने का मन कर रहा है, पर कहीं कोई है जो रोक रहा है।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण भावाभिव्यक्ति....वाह !!!
जवाब देंहटाएं"कोई तो है
जवाब देंहटाएंजो रूह बना
लहू बन
रगों में बहा
फिर कैसे कहूँ
कोई नहीं है !"
वंदना जी,
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ! मन में उतर गई !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
हाँ कोई तो है ...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत एहसासों को लिखा है ..
nice
जवाब देंहटाएंsach har kisi ke dil me kahi na kahi koi na koi to hai hi....sundar prastuti!!!
जवाब देंहटाएंvandana ji... its great really... I like it... it is showing something like curiosity...
जवाब देंहटाएंvandana ji its really great.. i like it..
जवाब देंहटाएंit is showing something like curiosity...
बेहतरीन अभिव्यक्ति ..कोई तो हो वाकई ..बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंकोई होता है दिल मे तभी इतने एहसास उठते हैं... :)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...सुन्दर रचना.
सुन्दर एहसास!!!
जवाब देंहटाएंअति सुंदर एहसास जी. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमानों साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं.
जवाब देंहटाएंwow... beautiful...
जवाब देंहटाएंवाकई कोई तो है..
शायद मुझमें ही है इसीलिए मैं भी उसे खोज नहीं पा रही थी...
पता बताने का शुक्रिया... :)
वंदना जी,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव भर दिए है आपने इस पोस्ट में...
वाकयी कोई है दिल में तभी तो जीवन है ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना , बधाई ..
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंकोई तो है ....जो इतने सुंदर भावों से ओत प्रोत है, बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति........धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंनिश्चित रूप से कोई तो है. सुंदर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना। बधाई। नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !
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