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गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

कोई तो है

कोई तो है
जो रूह बना
लहू बन
रगो मे बहा
फिर कैसे कहूं
कोई नही है


कोई तो है
जो अहसास
जगा गया
अरमानो को
दीप दिखा गया
 
फिर कैसे कह दूं
कोई नही है

कोई तो है
जो सच कह गया
मगर दिल भी
जला गया
कुछ अपना
दुखा गया
कुछ मेरा
फिर कैसे कह दूं
कोई नही है
कोई तो है
कहीं तो है
मगर अब
ख़्वाब
आकार नहीं लेते
हसरतें जवाँ नहीं होतीं
एक टीस सी उठती है
शायद दर्द बन कर
पल रही है
फिर कैसे कहूं
कोई नहीं है

कोई तो है
जरूर है ............कोई ना कोई
शायद तुझमे मैं और मुझमे तू
कहीं तो हैं...........है ना

36 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर.एहसास .-
    कोई निश्चित ज़रूर है -

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  2. कोई तो है
    जरूर है ............कोई ना कोई
    शायद तुझमे मैं और मुझमे तू
    कहीं तो हैं...........है ना
    xxxxxxxxxxxxxx
    बहुत गहरे भाव हैं ...शुक्रिया

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  3. कोई तो है
    जरूर है ............कोई ना कोई
    शायद तुझमे मैं और मुझमे तू
    कहीं तो हैं...........है ना
    wah na ho to is dwand se nikalne ke marg awruddh ho jayen , wah hai , ek vishwaas .... prashn kaisa !

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  4. बहुत खूब कोई होता है दिल मे तभी इतने एहसास उठते हैं। बधाई सुन्दर रचना के लिये।

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  5. आपकी हर कविता कुछ अलग रंग, भाव में दिखती है और मन को वीराने में छोड़ देती है.. सुन्दर प्रेम कविता..

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  6. सूरज को चिराग दिखाना जैसे कुछ है.....कोई तो है.....जरुर कोई तो है....जो दिल में मुहब्बत बन कर बसता जा रहा है...कोई तो है....कहीं वो.....

    बहुत कुछ कह रही है आप कि कविता.......बहुत कुछ...और क्या लिखूं.....



    फूलो रे नीम फूलो....आप कि प्रतीक्षा में है......

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  7. वाकई ..सुन्दर अभिव्यक्ति .....सुभकामनाये

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  8. वंदना जी,
    आप के लेखन में निरंतरता बनी हुई हैं,आप अच्छा लिख रही हैं,मेहनत से लिख रही हैं.अतः साधुवाद आपको.

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  9. बहुत खूब ...सच कहा आपने ...बेहतरीन रचना ।

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  10. बहुत सुन्दर रचना ! प्यार ऐसा ही होता है ... एक दुसरे में जीना !

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  11. इस कविता पर बहुत मुछ कहने का मन कर रहा है, पर कहीं कोई है जो रोक रहा है।

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  12. भावपूर्ण भावाभिव्यक्ति....वाह !!!

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  13. "कोई तो है
    जो रूह बना
    लहू बन
    रगों में बहा
    फिर कैसे कहूँ
    कोई नहीं है !"
    वंदना जी,
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ! मन में उतर गई !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

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  14. हाँ कोई तो है ...

    खूबसूरत एहसासों को लिखा है ..

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  15. sach har kisi ke dil me kahi na kahi koi na koi to hai hi....sundar prastuti!!!

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  16. vandana ji... its great really... I like it... it is showing something like curiosity...

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  17. बेहतरीन अभिव्यक्ति ..कोई तो हो वाकई ..बहुत सुन्दर

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  18. कोई होता है दिल मे तभी इतने एहसास उठते हैं... :)
    बहुत खूब...सुन्दर रचना.

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  19. मानों साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं.

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  20. wow... beautiful...
    वाकई कोई तो है..
    शायद मुझमें ही है इसीलिए मैं भी उसे खोज नहीं पा रही थी...
    पता बताने का शुक्रिया... :)

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  21. वंदना जी,

    बहुत सुन्दर भाव भर दिए है आपने इस पोस्ट में...

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  22. वाकयी कोई है दिल में तभी तो जीवन है ..
    सुन्दर रचना , बधाई ..

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  23. कोई तो है ....जो इतने सुंदर भावों से ओत प्रोत है, बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति........धन्यवाद।

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  24. निश्चित रूप से कोई तो है. सुंदर अभिव्यक्ति.

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  25. बेहतरीन रचना। बधाई। नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !

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