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मंगलवार, 16 नवंबर 2010

ख्वाब में ही सही .................

एक ख़त
उस अनदेखे 
अनजाने
प्यार के नाम 
जो सिर्फ 
ख्वाबों में 
ही आकार
ले पाया 
हकीकत का 
ना सामना 
कभी कर पाया
वो खामोश 
प्रेम जिसके
शाने पर सिर
रख हर गम
भूल जाऊँ 
जिस की पनाह 
में इक 
ज़िन्दगी जी जाऊं
जो मौन रहकर 
भी मुखर 
हो जाये 
देहयष्टि से परे
जहाँ भावों की
उद्दात तरंगें 
जलतरंग  सी 
बजने लगें
जहाँ "मैं"
मुझको भूल जाऊँ
 प्रेम की गागर 
में डूब जाऊँ
जज़्बात बिना 
कहे ही 
अरमानों की 
बानगी बयाँ 
करने लगें
नयन प्रेम की
मूक अभिव्यक्ति
को व्यक्त 
करने लगें
अधर बिना 
हिले ही
ऊष्मा का 
आदान- प्रदान 
करने लगें
धडकनें हवा के
रथ पर सवार हो
प्रियतम की
सांसों संग 
बजने लगें
और वो मौन की
भाषा पढने लगे 
मेरे अहसास संग
जीने लगे
बिना स्पर्श किये भी
हर बेचैनी
बेकरारी को
करार दे जाये
ख्वाब में ही सही 
बस एक बार 
वो प्रेम व्यक्त 
हो जाये

26 टिप्‍पणियां:

  1. मूक प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  2. ख्वाब बहुत खूबसूरत है ...सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति...
    प्यार के रस से ओत-प्रोत...

    जवाब देंहटाएं
  4. ख्वाब में ही सही
    बस एक बार
    वो प्रेम व्यक्त
    हो जाये....

    प्रेम भाव में डूबी कविता ... बहुत खूबसूरत वंदना जी ...

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर ख्वाब की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    http://veenakesur.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर ख्वाब की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    http://veenakesur.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  7. काश....... प्रेम कहीं मिल पाता.

    सुंदर , अति सुंदर. बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रेम की अभिव्यक्ति कोई आप से सीखे ...

    जवाब देंहटाएं
  9. वन्दना जी,

    क्या बात है......थोडा सा रूमानी हो जाएँ.....बहुत खुबसूरत भाव को शब्द दिए हैं आपने....प्रेम तो स्वयं से ही आता है |

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  10. बहुत ही सुन्‍दर अभिव्‍यक्ति ।

    जवाब देंहटाएं
  11. ख्वाब में ही सही
    बस एक बार
    वो प्रेम व्यक्त
    हो जाये....

    अच्छी लगी प्रेम की ये तलाश

    जवाब देंहटाएं
  12. .

    बस एक बार
    वो प्रेम व्यक्त
    हो जाये....

    -------

    एक खूबसूरत ख्वाब ही तो है ये...व्यक्त कैसे हो सकेगा ?

    .

    जवाब देंहटाएं
  13. सपने तो सपने होते हैं :) बहुत खूबसूरती से खवाबों को अभिव्यक्त किया है.

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  14. ख्वाब में ही सही
    बस एक बार
    वो प्रेम व्यक्त
    हो जाये....
    वाह इन पंक्तियों ने तो मन मोह लिया....

    टिपण्णी करना तो चाहता हूँ पर शब्द साथ छोड़ जाते हैं और कहते हैं की हममे इतनी सामर्थ्य नहीं की हम इस ब्लॉग के किसी भी पोस्ट पर कुछ कह सकें अतः मेरी शुभकामनायें स्वीकार करें.......!!
    विनम्र अनुरोध है की मेरे ब्लॉग में आकर मार्गदर्शन प्रदान करें :-
    http://gouravkikalamse.blogspot.com/
    &
    http://bhartiyagourav2222.blogspot.com/
    धन्यवाद.

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  15. ख्वाब में ही सही
    बस एक बार
    वो प्रेम व्यक्त
    हो जाये....
    --
    प्रेम तो प्रेम ही है!
    बस व्यक्त होना चाहिए!
    उर्वरा भूमि में हरदम,
    बीज बोना चाहिए!

    जवाब देंहटाएं
  16. क्या बात है! बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    विचार-श्री गुरुवे नमः

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  17. बहुत सुन्दर सच्चे प्रेम की कल्पना की है। दिल को छू गयी रचना। बधाई और शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  18. अधर बिना
    हिले ही
    ऊष्मा का
    आदान- प्रदान
    करने लगें
    धडकनें हवा के
    रथ पर सवार हो
    प्रियतम की
    सांसों संग
    बजने लगें
    और वो मौन की
    भाषा पढने लगे
    बेहतरीन बिम्ब पेश किया आपने
    बधाईयां

    जवाब देंहटाएं
  19. maun me kya kuch nahi abhivyakt kiya jaata , ye kavita aapki , is baat ki gawaah hai . meri tarf se 10/10 ..

    badhayi ho ji

    जवाब देंहटाएं

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