पृष्ठ

मंगलवार, 4 मई 2010

बस एक बार आजा जानाँ..................

तेरी मेरी मोहब्बत
खाक हो जाती
गर तू वादा ना करती
इसी जन्म में मिलने का
एक अरसा हुआ
तेरे वादे पर ऐतबार
करते - करते
पल- छिन्न युगों से
लम्बे हो गए हैं
मगर तेरे वादे की
इन्तिहाँ ना हुई
आज जान जाने को है
आस की हर लौ
बुझने को है
तुझे पुकारता है प्यार मेरा
याद दिलाता है वादा तेरा
क्या भूल गयी हो जानाँ
मोहब्बत की तपिश से
वादे को जलाना
मेरी आवाज़ की
स्वर लहरी पर
हर रस्मो- रिवाज़ की
जंजीरों को तोड़कर
आने के वादे को
क्या भूल गयी हो
धड़कन के साथ
गुंजार होते मेरे नाम को
देख , मुझे तो
तेरी हर कसम
हर वादा
आज भी याद है
ज़िन्दगी की आखिरी
साँस तक सिर्फ
तुझे चाहने का
वादा किया था
और आज भी
उसे ही निभा रहा हूँ
इसी जन्म में
मिलन की बाट
जोह रहा हूँ
तेरे वादे की लाश
को ढोह रहा हूँ
अब तो आजा जानाँ
यारा
मुझे मेरे यार से
मिला जा जानाँ
मेरे प्यार को
मेरे इंतज़ार को
अमर बना जा जानाँ
बस एक बार
आजा जानाँ
बस एक बार…………

29 टिप्‍पणियां:

  1. मोहब्बत की इन्तहाई को दर्शाती...... बहुत ही खूबसूरत कविता....

    जवाब देंहटाएं
  2. bhut khub vandna ji hrdy ki bhavnaao ki jis tarah se shabdo ki sarlta se aap ne vyakt kiya hai adbhud hai
    मिलन की बाट
    जोह रहा हूँ
    तेरे वादे की लाश
    को ढोह रहा हूँ
    saadar
    praveen pathik
    9971969084

    जवाब देंहटाएं
  3. अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं.....सुन्दर रचना है।बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  4. वादों, यादों और रस्मेंमुहब्बत की
    दुहाई देती एक शानदार रचना!
    बढ़िया प्रयास,
    बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  5. mohabbat ki tadap ko khubsurat shabd diye hain aapne.sundar rachna.

    जवाब देंहटाएं
  6. मिलन की बाट
    जोह रहा हूँ
    तेरे वादे की लाश
    को ढोह रहा हूँ

    जवाब देंहटाएं
  7. एक और सुन्दर प्रेम-रस में डूबी कविता !

    जवाब देंहटाएं
  8. मुहब्बत से भरी एक सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  9. अत्यंत भावपूर्ण अभिव्यक्ति ! बहुत सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं
  10. आजा जानाँ
    बस एक बार…………
    शब्द तारतम्य और भाव बेहतरीन

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने शानदार रचना लिखा है जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत रूमानी सी नज़्म है...मिलाने की तड़प लिए....सुन्दर शब्दों का संयोजन किया है..

    जवाब देंहटाएं
  13. कमाल का लिखती हैं आप!भावनाओं को उचित आकार देने के लिए बहुत -बहुत शुक्रिया !

    जवाब देंहटाएं
  14. आपकी भावुकता के क्या कहने .अभिव्यक्ति को थोडा सा तराशो

    जवाब देंहटाएं
  15. आपकी भावुकता के क्या कहने .अभिव्यक्ति को थोडा सा तराशो lalu12345

    जवाब देंहटाएं
  16. किस कदर भावनाओं को प्रदर्शित किया जा सकता है काई वन्‍दना जी से सीखे बहुत ही अच्‍छी रचना

    जवाब देंहटाएं
  17. आपकी यह कविता पढ़कर एक पुरानी फिल्म के गीत की दो पंक्तियाँ याद आ रही हैं :
    'प्रेम की पीड़ा सच्चा सुख है,
    प्रेम बिना ये जीवन दुःख है !"
    वैसे निरालाजी ने एक जगह लिखा है--
    "प्रेम यही है कि प्रेम कुछ नहीं है !"
    मन करता है, इन दोनों दृष्टान्तों में किसी पर यकीन न करूँ, बस आपकी इस कविता में व्यक्त निर्दोष भावनाओं का विश्वास करूँ; क्योंकि भावना के बिना तो कोई रिश्ता, कोई सम्बन्ध सुस्थिर ही नहीं होता !
    साभिवादन--आ.

    जवाब देंहटाएं
  18. intezar...mohabbat ka sabse bada tohfa hai ..fir chacha ghalib kah gaye hain ..

    "tere vaade pe hum jiyo to , ye jaan jhooth jaanaa
    ke khushi se mar na jaate, agar aitbaar hota..

    जवाब देंहटाएं
  19. hi, vandana ji
    kya baat hai, aap kitna mast likhti ho
    bahut hi sundar abhivykti hai,
    intjar ki had paar karna isi ko kahte hain
    shayad mohabbat yahi hoti hai
    yahi pyaar ka pagalpan bhi hota hoga
    bahut khoob
    shukriya achchhi rachna padhane ke liye,

    जवाब देंहटाएं
  20. वंदना जी,
    मान ना पड़ेगा, आपके हीरो में हिम्मत है!
    इंतज़ार की भी कोई हद है या नहीं?
    अच्छी लगी मुझे ये खुद को ख़ाक करने की जिद.....

    जवाब देंहटाएं
  21. किसी की यादों में जीना .. जीते रहना ... आने की प्रतीक्षा में ... आसान नही होता ...
    बहुत ही गहरे एहसास जीती रचना ...

    जवाब देंहटाएं

आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं …………………अपने विचारों से हमें अवगत कराएं ………शुक्रिया