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शनिवार, 1 मई 2010

आज्ञाकारी पुत्र ?

पिता ने पुत्र 
को उपदेश दिया 
जीवन का
सन्देश दिया
बेटा, काम कुछ
ऐसा कर जाना 
दुनिया की यादों 
में बस जाना
पशुवत जीवन तो
सब जीते हैं 
ज़हर का घूँट 
तो सब पीते हैं
तुम राम -सा 
जीवन जी जाना
नाम अपना रौशन 
कर जाना
अब पुत्र ने
चिंतन- मनन किया 
राम के जीवन का
अवलोकन किया
इक गहन चिंता 
में डूब गया 
आज के युग में
कहाँ से लाउँगा 
भारत- सा
त्यागी भाई
लक्षमण -सा 
आज्ञाकारी भाई
सीता हर किसी को
मिला नहीं करती 
राम अगर बन जाऊँगा
केकैयी तो बहुत 
मिल जाएँगी पर 
कौशल्या- सी माँ
कहाँ से लाऊँगा 
जहाँ माँ ही 
स्वार्थ की खातिर 
बेटो की बलि 
चढ़ा  देती है 
पत्नी भी प्रेमी 
के साथ 
भाग जाती है
जन्म भर का बंधन 
इक पल में 
भुला देती है
भाई ही भाई का
गला उतार देते हैं
जहाँ पग -पग पर
मर्यादाएँ टूटा करती हैं
कैसे मर्यादा पुरुषोत्तम 
बन पाऊँगा 
कैसे राम- सा जीवन
जी पाऊँगा
बहुत चिंतन -मनन के बाद
पुत्र निष्कर्ष पर पंहुचा 
सिर्फ नाम ही तो करना है
लोगों के ज़ेहन में
अपनी छवि अंकित 
ही तो करनी है 
काम ही तो 
ऐसा करना है
जिससे नाम 
रौशन  हो जाये 
 राम बनना आसान 
नहीं इस युग में
इसलिए वो
"रावण"बन गया 

30 टिप्‍पणियां:

  1. सत्य वचन ... जो गया लंका, वही बन गया रावण ...
    आपकी रचना अच्छी है !

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  2. Vandana ji sach baat keh di...waise bhi bhale hokar bhi pareeksha hi deni padti hai...Ravan to ish ke haantho mara...

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  3. "बहुत चिंतन मनन के बाद
    ...................रावण बन गया "
    वन्दना जी, आपने हमारे बोलने लायक कुछ छोड़ा ? बहुत खूब !

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  4. बहुत उत्तम| कैकेई तो बहुत मिलेंगी कौशल्या मिलना मुश्किल है |सीता कहाँ मिलेगी आज कल पत्नियां तो भाग जाती है| भरत कहाँ से मिलेगा आज कल तो भाई का गला भाई काट रहा है जब केवल नाम ही करना है तो राम क्यों बना जाए रावण क्यों न बना जाये .आधुनिक पीढी और वर्तमान विचार धारा पर सीधा कटाक्ष

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  5. राम बनना आसान नहीं इसलिए रावण बन गया ....
    सच राम बनना आसान कहाँ होता है ...!!

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  6. kuchh had tak sahi bhi hai.. achchhi kavita ka sampreshan kiya. aabhar

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  7. vaise Ram isliye Ram nahin the ki unke sath Laxman, Bharat ya Sita theen, balki ye sab unke sath isiliye the ki wo Ram the... :)

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  8. sahi kah rahe hain deepak ji
    bas wo raam hi to koi banna nahi chahta aaj .........kaun maryada mein jeena chahta hai........kise aaj bandhan sweekar hain?raam banna aasan nahi hai.

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  9. अच्छी प्रस्तुति........... सारगर्भित

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  10. राम बनना आसान
    नहीं इस युग में
    इसलिए वो
    "रावण"बन गया
    राम बनने के लिये अनेक शर्तें और शायद अनेक पराकाष्ठाएँ जो हैं
    बेहतरीन

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  11. सार्थक रचना ।। साधुवाद।।

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  12. बेहतरीन प्रस्तुती .....

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  13. आपकी रचना बहुत ही बढ़िया सन्देश देती है!

    अभिनव पाठ पढ़ाती हुई इस रचना के लिए बधाई!

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  14. वाह सार्थक भावाभिव्यक्ति साधुवाद

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  15. वाह.....नाम ही तो करना है....अब पुत्र की भी तो बहुत बड़ी समस्या थी....फिर भी उसने आज्ञाकारी बन दिखाया....

    करारी चोट करती अच्छी रचना

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  16. ओह क्या कहूँ निश्बद कर दिया है आपने इस शानदार रचना से ।

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  17. बहुत शानदार .... और सच को उजागर करती.... यह रचना दिल को छू गई....

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  18. ये उसने अच्छा नहीं किया।
    रचना अच्छी जा रही थी, मगर कुछ कमी सी खटकती है, कुछ घुमाव या कुछ कविता की कमी लगी मुझे और जिस तंज़ के स्तर पर जा रही थी, वैसा अन्त नहीं हुआ।
    सपाट-बयानी भी अगर की जाए, तो वो एक झटका दे, 'हॉण्ट' करे।
    मैं बस खुले मन से अपनी राय व्यक्त कर रहा हूँ, क्योंकि मुझे इससे और - बहुत अच्छी रचना की आशा लग गयी है आपसे।

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  19. bilkul sach kaha vandana ji....
    achhi rachna ke liye badhai.......
    regards
    http://i555.blogspot.com/
    idhar ka v rukh karein......

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  20. wah ji wah
    kya baat hai
    khooob likha hai
    aaj ka katu saty to yahi hai

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  21. आज तो सब रावण बनने की तैयारी कर रहे हैं .... काश कोई राम भी बन सके .. पर सच कहा आसान नही है ...

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