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शनिवार, 7 मार्च 2015

जो दिल्ली न कर पायी दीमापुर ने कर दिखाया


जो दिल्ली न कर पायी दीमापुर ने कर दिखाया ........बता दिया देर से मिला न्याय भी अन्याय ही होता है जिसका उदाहरण रहा बीबीसी द्वारा दिखाया विडियो तो जब जनता देखेगी कि यहाँ कोई सुनवाई नहीं है , न्याय की आस में आस भी टूट जाती है मगर न्याय नहीं मिलता तो जनता को ही पहल करनी पड़ती है . बेशक फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का नाटक किया जाए मगर न्याय तो अब तक नहीं मिला और जनता के सब्र का बाँध टूट गया जिसने बता दिया यदि सरकार आँख मूंदेंगी और न्याय के नाम पर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ होगा तो जनता खुद न्याय कर देगी . सिर्फ कैंडल मार्च निकाल देने भर तक नहीं है कर्तव्य शायद जनता अब जान चुकी है .

इस वाकये से ये तो सिद्ध हो गया कि अब जनता के सब्र का बाँध टूटने लगा है और सरकार को चेत जाना चाहिए और क़ानून में भी बदलाव करना चाहिए नहीं तो ऐसी घटनाएं हर गली चौराहों पर होती दिखेंगी क्योंकि जिस तरह से रेप की घटनाएं बढ़ी हैं उस अनुपात में कोई सख्त कार्यवाही अब तक नहीं की गयी जिससे उनमे कोई डर हो न ही जाग्रति के लिए कोई प्रयास किया गया . कहीं कल ऐसा न हो कि जनता अपनी अदालत में खुद ही न्याय की कुर्सी पर बैठ इस तरह न्याय करने लगे . ऐसा वक्त आने से पहले जरूरी है सोई हुई सरकार जागे और उचित व निर्णायक कदम उठाये ताकि एक स्वस्थ सन्देश तो जनता में जाए ही साथ में उन रेपिस्टों को भी डर हो कि यदि ऐसा कुछ किया तो उनका क्या हश्र होगा . 

अब तो ये हाल देख वैसे मन तो यही होता है कि क़ानून ही ये बन जाए जो ये दुष्कर्म करेगा उसे जनता के हवाले कर दिया जाएगा जो उसकी बोटी बोटी जब नोचेगी तब शायद एक पीडिता के दर्द का अहसास होगा और शायद वो ही न्याय होगा कुछ हद तक ...........

3 टिप्‍पणियां:

  1. दुष्कर्म करने वाले को कड़ा दंड तो मिलना ही चाहिए

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  2. उसी से दरिंदों को सबक मिलेगा

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  3. हो ली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (08-03-2015) को "होली हो ली" { चर्चा अंक-1911 } पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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