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सोमवार, 24 मार्च 2014

वो जो ढाँप कर नकाब मिलते हैं

वो जो ढाँप कर नकाब मिलते हैं 
दोस्त बन कर ही मुझे ठगते हैं 

प्याज की परत से जिनके छिलके उतरते हैं 
एक चेहरे में उनके हजार चेहरे दिखते  हैं 

सत्य के फेरों से जब गुजरते हैं 
मेरे अपने बन मुझे ही ठगते हैं 

रोने को न जब आँसू बचते हैं 
हम गिर गिर कर तब संभलते हैं 

मेरे पाँव से जो कालीन सरकाते हैं 
वो ही मुस्कुराकर गले अब मिलते हैं 

क़त्ल करने को तीर न तलवार चलाते हैं 
अपनेपन की बर्छियों से ही आस्तीनें काटे जाते हैं 

भरी दुनिया में गैर से खुद को लगते हैं 
जब अपनों द्वारा नकारे जाते हैं 

14 टिप्‍पणियां:

  1. क़त्ल करने को तीर न तलवार चलाते हैं
    अपनेपन की बर्छियों से ही आस्तीनें काटे जाते हैं ..

    कुछ दोस्त ऐसे ही होते हैं .. सावधान रहने कि जरूरत है ..

    जवाब देंहटाएं
  2. खूबसूरत शब्द रचना कुछ शेर सी, बधाई

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  3. अगर ये ग़ज़ल है तो बहर का ध्यान रखिये

    जवाब देंहटाएं
  4. रोने को न जब आँसू बचते हैं
    हम गिर गिर कर तब संभलते हैं

    very right .

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (25-03-2014) को "स्वप्न का संसार बन कर क्या करूँ" (चर्चा मंच-1562) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    कामना करता हूँ कि हमेशा हमारे देश में
    परस्पर प्रेम और सौहार्द्र बना रहे।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  6. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना
    लेटेस्ट पोस्ट कुछ मुक्तक !

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  7. वंदना जी, अपने रचना की कुछ पंक्तियाँ आपको समर्पित कर रहा हूँ जिसे आप एक टिपण्णी के रूप में लीजियेगा _
    '' खेलना शगल है -वो खेलते ही आये हैं, मेरे जज़्बात तो उनके लिए खिलौना हैं. ''

    जवाब देंहटाएं
  8. वंदना जी, अपने रचना की कुछ पंक्तियाँ आपको समर्पित कर रहा हूँ जिसे आप एक टिपण्णी के रूप में लीजियेगा _
    '' खेलना शगल है -वो खेलते ही आये हैं, मेरे जज़्बात तो उनके लिए खिलौना हैं. ''

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  9. वंदना जी, अपने रचना की कुछ पंक्तियाँ आपको समर्पित कर रहा हूँ जिसे आप एक टिपण्णी के रूप में लीजियेगा _
    '' खेलना शगल है -वो खेलते ही आये हैं, मेरे जज़्बात तो उनके लिए खिलौना हैं. ''

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