दोस्तों
ज़िन्दगी मे कब क्या घटित हो जाये कह नही सकते और हम सोचते भी नही और कुछ ऐसा हो जाता है । कभी सोचा ही नही था कि ऐसा भी होगा मगर एक दिन अंजू शर्मा का फोन आया और मुझे आमन्त्रित कर लिया कविता पाठ के लिये ………उफ़ ! लिखना और बात है मगर कविता पाठ करना और बात ……ज़मीन आसमान का अन्तर …………लिखने मे कोई गडबडी हो तो चल जाती है उसे ठीक किया जा सकता है मगर सबके सम्मुख कविता पाठ करना जैसे दसवीं की पहली बार कोई बोर्ड की परीक्षा दे रहा हो उस वक्त जो घबराहट होती है बस बिल्कुल वैसा ही हाल था कल कुछ मेरा भी ……यूँ तो सबसे बोल रही थी , हँस रही थी मगर अन्दर ही अन्दर एक डर था कि पता नही सबके सामने बोल भी पाऊँगी या नही ………क्योंकि पता ही नही था कि कैसे कविता पाठ किया जाता है और इसी उधेडबुन मे पहुँच ही गयी वहाँ और वक्त आ ही गया कविता पाठ का……सबसे पहले तो यही बताया कि ये मेरा पहला कविता पाठ है यदि कोई त्रुटि रह जाये तो झेल लीजियेगा और फिर जैसे तैसे प्रभु का नाम लेकर शुरु किया और जब पहली कविता जैसे ही सुनाई तो मेरे साथ बैठे आमन्त्रित प्रसिद्ध वरिष्ठ कवि लक्ष्मी शंकर वाजपेयी जो बोल उठे कि आप कैसे कह रही हैं आपका पहला कविता पाठ है आप तो बहुत बढिया सुना रही हैं उनके इन शब्दों ने जैसे उत्साह सृजन किया और थोडा विश्वास बढा और उसके बाद एक एक करके पाँच कवितायें सुना दीं ………फिर कार्यक्रम के संचालक मिथिलेश जी ने जब कहा कि आपने कहा कि आपका पहला कविता पाठ है तो उस हिसाब से तो ये बहुत बेहतर है ………ये सुनकर कितनी खुशी हुई बता नही सकती और आत्मविश्वास भी बढा ……ह्रदय से आभारी हूँ "डायलाग " की और अंजू शर्मा की जिन्होने इतने सुन्दर कार्यक्रम का संयोजन किया तथा वहाँ उपस्थि्त सभी आयोजकों की कि मुझे ये मौका दिया और मुझे इस काबिल समझा ।
मेरा पहला कविता पाठ
संचालक महोदय कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये
डरते- डरते आखिर शुरु कर ही दिया
कहते -कहते थोडा आत्मविश्वास बढा
और फिर समापन तक पहुँच ही गयी
विवेक मिश्र जी का कविता पाठ
खूबसूरत अन्दाज़-ए-बयाँ
दिल को भाती रचनायें मन्त्रमुग्ध कर गयीं
मिथिलेश जी कवियों को आमन्त्रित करते हुये
श्रोतागण खोये हुये
कवि दीपक गुप्ता काव्य पाठ करते हुये
हास्य कवि मे भी एक संवेदनशील कवि छुपा हुआ
सोचने को विवश करती रचनायें
प्रमोद कुमार तिवारी कविता पाठ करते हुये
कविता जो असर कर जाये
सुनने वालों के दिलों पर छा जाये
वो कूवत रखते हैं
विपिन चौधरी कविता पाठ करती हुयी
फ़ुर्सत के लम्हों मे
एक एक कप चाय के साथ
राजीव जी फ़ोटो खिंचवाते हुये :)
कोने मे खडी अजीत जी काले दुपट्टे मे ……जो पिछले 37 वर्षों से डायलाग कार्यक्रम चला रही हैं और नये नये कवियों को एक मंच प्रदान कर रही हैं
हरी साडी मे मिथिलेश जी की पत्नी अनीता जी, फिर अंजू जी , राजीव जी , जितेन्द्र कुमार पाण्डेय और मैं
ममता किरण जी कविता पाठ करते हुये
सुनिता कविता जी के साथ पहली मुलाकात को यादगार बनाते हुये
ये यादें हमेशा ज़हन मे सहेजी रहेंगी ……मुस्कान यही बताती है
संजू जी अपने अन्दाज़ मे मोबाइल पर
विपिन चौधरी के साथ अंजू
अनौपचारिक लम्हे
अंत मे लक्ष्मी जी अपनी कविताओं से सबको मंत्रमुग्ध करते हुये
ये अन्दाज़-ए-बयाँ है और
कवि दीपक गुप्ता राजीव जी के साथ
यादों मे समाये रहेंगे ये पल
अविस्मरणीय क्षण
और हाँ दोस्तों ये सब फ़ोटो राजीव जी से लिये हैं आभारी हूँ उनकी
मेरा कविता पाठ सुनने के लिये अगली पोस्ट की प्रतीक्षा कीजिये
बधाई हो।
जवाब देंहटाएंबधाई हो।
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई हो आपको..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई वंदना जी.......
जवाब देंहटाएंअगर रिकॉर्डिंग सुनवा देतीं आप, तो और मज़ा आ जाता :-)
अनु
सही में पहला कविता पाठ अविस्मरनीय ही होता है ...
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकार करें !!
बहुत ही सुंदर समीक्षा ...
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई !!
vandanaa ji bahut achchaa laga aapki post pad kr. i wish hm bhi aapko sun pate...
जवाब देंहटाएंaapko bahut bahut badhaai
सहेजे पलों की खूबसूरत प्रस्तुति ...बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंआ. वंदना जी, बधाई स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंBahut,bahut badhayi ho! Aise avismarneey kshan aapke jeewan me aate rahen ye dua hai.
जवाब देंहटाएंBahut,bahut badhayi ho! Aise avismarneey kshan aapke jeewan me aate rahen ye dua hai
जवाब देंहटाएंek lambe,kaamyaab safar kee achi shuruat,
Hamari pratnayen aapke saath hai,
ALL THE BEST
bahut bahut badhai... ek din aap laal kile ke pracheer se kavita sunayengi desh ko.. yah kamna hai...
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाईयां.
जवाब देंहटाएंरामराम.
इस नए अनुभव की बधाई .
जवाब देंहटाएंअब तो यह सिलसिला जारी रहना चाहिए .
badhai pahle kavita pathh par .
जवाब देंहटाएंTHIS IS MISSION LONDON OLYMPIC
INDIAN WOMAN
अविस्मरनीय सहेजे पलों की खूबसूरत प्रस्तुति के लिए ...बहुत बहुत बधाई,,,,वन्दना जी,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST,,,इन्तजार,,,
बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंआपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, भिक्षावृत्ति मजबूरी नहीं बन रहा है व्यवसाय - ब्लॉग बुलेटिन , के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
हार्दिक बधाई |
जवाब देंहटाएंचित्रमय प्रस्तुति देखकर ऐसा लगा जैसे हम खुद वहां मौजूद हैं...बधाई
जवाब देंहटाएंजय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
फिर तो बहुत अच्छा अनुभव रहा होगा... बहुत-बहुत मुबारक हो!
जवाब देंहटाएंबधाई सहित शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं... :)
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसच में बहुत अच्छा लगा
वाकई अविस्मरनीय और राजीव जी ने सहेज भी दिया ----- बधाई आप सबको
जवाब देंहटाएंबधाई सहित शुभ कामनाएं सुन्दर चित्रमय संग्रह
जवाब देंहटाएंइस अविस्मरणीय पल के लिए बधाई और शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार को ३१/७/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंपहला कविता पाठ अविस्मरनीय ही होता है .
जवाब देंहटाएंबधाई हो।
सचमुच पहला कविता पाठ अविस्मरणीय पल होता है ...बधाई स्वीकार करें...
जवाब देंहटाएंजिन्दगी में पहला अनुभव और अविस्मरनीय पल बहुत बहुत मुबारक हो.
जवाब देंहटाएंBADHAAEE HO VANDANA JI . UNHEN BHEE
जवाब देंहटाएंBADHAAEE JINHONNE AAPKEE PRATIBHA KO
PAHCHAANAA .
You are genuinely talented.... Congrats !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई और ढेरों शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई ....
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई !
चित्र देखते हुए लगता रहा मानो … हम भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे …
फोटोज के लिए राजीव जी का भी शुक्रिया !!
और हां, आपका कविता पाठ सुनने के लिए अगली पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी …
… अनंत शुभकामनाएं !
बधाई स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंचित्रावली भी बहुत जीवन्त है!
बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई वंदना जी !
जवाब देंहटाएंबधाई हो।
जवाब देंहटाएंइन चित्रों ने हाल कह दोय ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई इस कविता पाठ के लिए ... ऐसे लम्हे संजो के रखने के लिए होते हैं ...