कभी कभी
दिल चाहता है
कोई हो ऐसा
जो गले लगा ले
अपने अंक में समा ले
हर गम को जो पी ले
मगर वो कोई
कभी किसी को
मिलता ही नहीं
जाने ऐसी चाहत
क्यूँ मचलती है
एक ख्वाब दिल में पलता है
कोई हो जिसके गले लगकर
हर गम भुलाया जा सके
कहीं रूह यूँ ही
प्यासी ही ना रह जाए
फिर किसी जन्म में
कोई मिले ना मिले
मुलाकात हो ना हो
उससे पहले इसी जन्म में
किसी के गले लगकर
अपनी हर उदासी
हर चाहत
हर आरजू
हर तमन्ना
पूरी कर ली जाए
दूसरे जन्म की
चाहत ही ना रहे
हर तमन्ना इसी जन्म में
पूरी हो जाएँ
मगर ऐसा कब हुआ है यहाँ
हर कोई तो प्यासा ही गया है
शायद किसी को भी
आसमां नहीं मिला है
जिसके सीने पर अपने
आँसू बहा दिए जाएँ
और वो सब अपने
विस्तृत आकाश में
हर गम समेट ले
एक अधूरी आरजू
एक अधूरी ज़िन्दगी
एक अधूरी तमन्ना
एक अधूरा ख्वाब
और जी लेते हैं हम
आधे अधूरे से
आधी अधूरी सी ज़िन्दगी
और चल देते हैं
अपनी अधूरी
आकांक्षाओं के साथ
दूसरे पड़ाव की ओर
एक चाहत में
कोई तो होगा
जो कभी तो मिलेगा............
सफ़र जारी रहता है ...........
दिल चाहता है
कोई हो ऐसा
जो गले लगा ले
अपने अंक में समा ले
हर गम को जो पी ले
मगर वो कोई
कभी किसी को
मिलता ही नहीं
जाने ऐसी चाहत
क्यूँ मचलती है
एक ख्वाब दिल में पलता है
कोई हो जिसके गले लगकर
हर गम भुलाया जा सके
कहीं रूह यूँ ही
प्यासी ही ना रह जाए
फिर किसी जन्म में
कोई मिले ना मिले
मुलाकात हो ना हो
उससे पहले इसी जन्म में
किसी के गले लगकर
अपनी हर उदासी
हर चाहत
हर आरजू
हर तमन्ना
पूरी कर ली जाए
दूसरे जन्म की
चाहत ही ना रहे
हर तमन्ना इसी जन्म में
पूरी हो जाएँ
मगर ऐसा कब हुआ है यहाँ
हर कोई तो प्यासा ही गया है
शायद किसी को भी
आसमां नहीं मिला है
जिसके सीने पर अपने
आँसू बहा दिए जाएँ
और वो सब अपने
विस्तृत आकाश में
हर गम समेट ले
एक अधूरी आरजू
एक अधूरी ज़िन्दगी
एक अधूरी तमन्ना
एक अधूरा ख्वाब
और जी लेते हैं हम
आधे अधूरे से
आधी अधूरी सी ज़िन्दगी
और चल देते हैं
अपनी अधूरी
आकांक्षाओं के साथ
दूसरे पड़ाव की ओर
एक चाहत में
कोई तो होगा
जो कभी तो मिलेगा............
सफ़र जारी रहता है ...........
बहुत बढ़िया सन्देश देती हुई रचना!
जवाब देंहटाएं--
हसीं सपनो की शहजादी किसे अच्छी नहीं लगती!
वतन की अपनी आजादी किसे अच्ची नहीं लगती!!
बहुत ही खुबसूरत रचना..बधाई...:)
जवाब देंहटाएंइन चाहतों का सफर जारी रहे :):) मिल गया तो आरज़ू ही खत्म हो जायेगी ...
जवाब देंहटाएंतम्मानाएं....आरजू कैसी कैसी :)
जवाब देंहटाएंवाकई, न चाहतें ख़त्म होतीं हैं और न ही उनका सफ़र...
जवाब देंहटाएंऔर मंजिलों की उम्मीद तो हर चाहत को होती है...
बहुत प्यारी भावनाएं...
सफ़र ज़ारी रहे यही सबसे बड़ी बात है।
जवाब देंहटाएंaapka safar yuhi chalta rahe
जवाब देंहटाएंbhawpurn rachna .
pahle to kai baar mann karta hai ki koi gale se laga le, phir kabhi kabhi ... per sab vyast hain
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता, सुन्दर संदेश।
जवाब देंहटाएंवंदना जी,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पोस्ट.....वो कोई और नहीं हो सकता वो तो तुम में बसा खुदा ही हो सकता है......
वाह ..बहुत ही सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सन्देश
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंआपने भक्ति-रस में डुबोया तो आनन्द आया .अब ये विरह है या निराशा ?
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता ... प्रेम के सफ़र में तमाम उतार चढाव की कविता ... बहुत डूब कर लिखी गई है यह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ... कविता ... चाहत तो कबी पूरी न होगी... जितना मिलेगी उतनी प्यास बढेगी
जवाब देंहटाएंइस अधूरी चाहत का नाम ही जिंदगी है ।
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन भावाभिव्यक्ति...और लाजवाब रचना !!
जवाब देंहटाएंkhubsurat rachna....
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट भाव लिये एक सुंदर कविता के लिये बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सुन्दर कविता, धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंना ये विरह है और ना ही निराशा..
जवाब देंहटाएंमानव मात्र के मन में बसा सनातन अधूरापन है..
जो हमेशा हर किसी को सालता रहता है...
बहुत खूब..
सच में कब पूरी होती हैं... इच्छाएं ... बहुत सुंदर रचना ...सही बात
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत रचना. सफर जारी रहे, यही दुआ.
जवाब देंहटाएं'गिलास आधा खाली है या आधा भरा हुआ' हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है .सकारात्मक सोचें तो 'जिंदगी एक सफर है सुहाना ..' या फिर 'मै जिंदगी का जश्न मनाता चला गया ,हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया ...'.जब चल ही रहें हैं तो मंजिल तक भी पहुचेंगे,बस चलना जरूरी है.आपकी मेल के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर वचन आपकी जितनी तारीफ करू उतनी कम है जी |
जवाब देंहटाएंआप मेरे ब्लॉग पे भी देखिये जिन का लिंक में निचे दे रहा हु |
http://vangaydinesh.blogspot.com/
बहुत ही सुन्दर वचन आपकी जितनी तारीफ करू उतनी कम है जी |
जवाब देंहटाएंआप मेरे ब्लॉग पे भी देखिये जिन का लिंक में निचे दे रहा हु |
http://vangaydinesh.blogspot.com/
वंदना जी, अभावों में ही ज़िन्दगी गतिमान रहती है.
जवाब देंहटाएंएक फ़िल्मी गाना याद आ गया:-
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता.
कभी ज़मीं तो कभी आसमाँ नहीं मिलता.
Looking for a soul mate ?
जवाब देंहटाएंdil ki kulbulati sochon ko sunder shabdon se sajaya hai.
जवाब देंहटाएंkoi to bahana chaahiye na agle janam ke liye.:)
haan sach men safar zari rahta hai....bahut achchi lagi.
जवाब देंहटाएंसफ़र जारी रहता है ...........
जवाब देंहटाएंयकीनन
सुन्दर सन्देश देती रचना और आशावादी दृष्टिकोण
एक सम्पूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबधाई