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बुधवार, 9 मार्च 2011

सफ़र जारी रहता है ...........

कभी कभी
दिल चाहता है
कोई हो ऐसा
जो गले लगा ले
अपने अंक में समा ले
हर गम को जो पी ले
मगर वो कोई
कभी किसी को
मिलता ही नहीं
जाने ऐसी चाहत
क्यूँ मचलती है

एक ख्वाब दिल में पलता है

कोई हो जिसके गले लगकर
हर गम भुलाया जा सके
कहीं रूह यूँ  ही
प्यासी ही ना रह जाए
फिर किसी जन्म में
कोई मिले ना मिले
मुलाकात  हो ना हो
उससे पहले इसी जन्म में
किसी के गले लगकर
अपनी हर उदासी
हर चाहत
हर आरजू
हर तमन्ना
पूरी कर ली जाए
दूसरे जन्म की
चाहत ही ना रहे
हर तमन्ना इसी जन्म में
पूरी हो जाएँ
मगर ऐसा कब हुआ है यहाँ
हर कोई तो प्यासा ही गया है
शायद किसी को भी
आसमां नहीं मिला है
जिसके सीने पर अपने
आँसू बहा दिए जाएँ
और वो सब अपने
विस्तृत आकाश में
हर गम समेट ले

एक अधूरी आरजू

एक अधूरी ज़िन्दगी
एक अधूरी तमन्ना
एक अधूरा ख्वाब
और जी लेते हैं हम
आधे अधूरे से
आधी अधूरी सी ज़िन्दगी
और चल देते हैं
अपनी अधूरी
आकांक्षाओं के साथ
दूसरे पड़ाव की ओर
एक चाहत में
कोई तो होगा
जो कभी तो मिलेगा............
सफ़र  जारी रहता है ...........

33 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया सन्देश देती हुई रचना!
    --
    हसीं सपनो की शहजादी किसे अच्छी नहीं लगती!
    वतन की अपनी आजादी किसे अच्ची नहीं लगती!!

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  2. बहुत ही खुबसूरत रचना..बधाई...:)

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  3. इन चाहतों का सफर जारी रहे :):) मिल गया तो आरज़ू ही खत्म हो जायेगी ...

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  4. तम्मानाएं....आरजू कैसी कैसी :)

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  5. वाकई, न चाहतें ख़त्म होतीं हैं और न ही उनका सफ़र...
    और मंजिलों की उम्मीद तो हर चाहत को होती है...
    बहुत प्यारी भावनाएं...

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  6. सफ़र ज़ारी रहे यही सबसे बड़ी बात है।

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  7. pahle to kai baar mann karta hai ki koi gale se laga le, phir kabhi kabhi ... per sab vyast hain

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  8. वंदना जी,

    बहुत सुन्दर पोस्ट.....वो कोई और नहीं हो सकता वो तो तुम में बसा खुदा ही हो सकता है......

    जवाब देंहटाएं
  9. आपने भक्ति-रस में डुबोया तो आनन्द आया .अब ये विरह है या निराशा ?

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन कविता ... प्रेम के सफ़र में तमाम उतार चढाव की कविता ... बहुत डूब कर लिखी गई है यह...

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  11. बहुत सुन्दर ... कविता ... चाहत तो कबी पूरी न होगी... जितना मिलेगी उतनी प्यास बढेगी

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  12. इस अधूरी चाहत का नाम ही जिंदगी है ।

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  13. वाह बेहतरीन भावाभिव्यक्ति...और लाजवाब रचना !!

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  14. उत्कृष्ट भाव लिये एक सुंदर कविता के लिये बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  15. ना ये विरह है और ना ही निराशा..
    मानव मात्र के मन में बसा सनातन अधूरापन है..
    जो हमेशा हर किसी को सालता रहता है...

    बहुत खूब..

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  16. सच में कब पूरी होती हैं... इच्छाएं ... बहुत सुंदर रचना ...सही बात

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  17. बहुत ही खुबसूरत रचना. सफर जारी रहे, यही दुआ.

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  18. 'गिलास आधा खाली है या आधा भरा हुआ' हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है .सकारात्मक सोचें तो 'जिंदगी एक सफर है सुहाना ..' या फिर 'मै जिंदगी का जश्न मनाता चला गया ,हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया ...'.जब चल ही रहें हैं तो मंजिल तक भी पहुचेंगे,बस चलना जरूरी है.आपकी मेल के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत ही सुन्दर वचन आपकी जितनी तारीफ करू उतनी कम है जी |
    आप मेरे ब्लॉग पे भी देखिये जिन का लिंक में निचे दे रहा हु |
    http://vangaydinesh.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत ही सुन्दर वचन आपकी जितनी तारीफ करू उतनी कम है जी |
    आप मेरे ब्लॉग पे भी देखिये जिन का लिंक में निचे दे रहा हु |
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  21. वंदना जी, अभावों में ही ज़िन्दगी गतिमान रहती है.
    एक फ़िल्मी गाना याद आ गया:-
    कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता.
    कभी ज़मीं तो कभी आसमाँ नहीं मिलता.

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  22. dil ki kulbulati sochon ko sunder shabdon se sajaya hai.

    koi to bahana chaahiye na agle janam ke liye.:)

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  23. सफ़र जारी रहता है ...........
    यकीनन
    सुन्दर सन्देश देती रचना और आशावादी दृष्टिकोण

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  24. एक सम्पूर्ण अभिव्यक्ति
    बधाई

    जवाब देंहटाएं

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