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शनिवार, 12 फ़रवरी 2011

कल्पनाएँ

 कल्पनाएँ कितनी
मासूम होतीहैं 
कल्पनाओं के लोक में
विचरण करता प्राणी 
कुछ पलों के लिए 
स्वयं से , ज़िन्दगी से
अलग हो जाता है 
और कल्पनाओं के 
सागर में गोते खाता 
खुद को कितना 
धनवान समझता है
कल्पनाओं का कोई 
आधार नहीं होता 
ये तो कल्पनालोक में 
भ्रमण करने वाला 
प्राणी ना जाने 
किन - किन
लोकों में भ्रमण 
कर आता है 
मगर 
आधारहीन कल्पनाएं 
ही कभी - कभी
किसी के जीवन का
संबल बन जाती हैं 
सब जानते हैं
कल्पनाएं सत्य नहीं
एक आभास है
एक भ्रम हैं
मगर कुछ भ्रम 
मधुर होते हैं
और प्राणी उन 
मधुर भ्रमों में
ज़िन्दगी गुजार 
देना चाहता है
या कहो 
एक नया 
जीवन पाता है
ज़िन्दगी के 
संघर्ष में कल्पनाएं
उस पुल का 
काम करती हैं
जो इन्सान को 
नव सृजन को
प्रेरित करती हैं
और लक्ष्य प्राप्ति की ओर 
अग्रसित करती है
बेशक कल्पनाओं का
कोई अस्तित्व नहीं 
मगर फिर भी 
कल्पनाएँ अपने 
होने एक आभास
करा देती हैं
और इन्सान को 
जीना सीखा देती हैं  

43 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ कल्पनाएँ सच में जीना सिखा देती हैं, बहुत ही सुंदर लिखा है आपने

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  2. बेशक कल्पनाओं का
    कोई अस्तित्व नहीं
    मगर फिर भी
    कल्पनाएँ अपने
    होने एक आभास
    करा देती हैं

    और अगर जिन्दगी में जो कल्पनाशील व्यक्ति है ....वो उस कल्पना को सकारात्मक रूप देकर रचनात्मकता में बदल देता है ...वैसे भी कल्पना का संसार बड़ा अद्भुत है ....बहुत सुंदर प्रस्तुति ...शुक्रिया

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  3. कल्‍पनाएं और सपने न हों तो इंसान के विकास की गति ही रूक जाती है। यही तो हैं जो इंसान को जिंदा होने का और कुछ कर गुजरने का अहसास कराती हैं। अच्‍छी रचना।

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  4. ये तो कल्पनालोक में
    भ्रमण करने वाला
    प्राणी ना जाने
    किन - किन
    लोकों में भ्रमण
    कर आता है
    मगर
    आधारहीन कल्पनाएं
    कविता के भाव मन को प्रभावित करते हैं।

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  5. अत्यन्त भावपूर्ण रचना, उत्तम प्रस्तुति के साथ. आभार .....वंदना जी

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  6. बेशक कल्पनाओं का
    कोई अस्तित्व नहीं
    मगर फिर भी
    कल्पनाएँ अपने
    होने एक आभास
    करा देती हैं
    और इन्सान को
    जीना सीखा देती हैं
    --
    यही तो कल्पनाओं का अस्तित्व है!
    कल्पना कल्पना होकर भी जीने की राह दिखाती हैं!
    सुन्दर रचना!

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  7. कल्पनाओं से सम्भावनायें पता चलती हैं।

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  8. कल्पनाएँ अपने
    होने एक आभास
    करा देती हैं
    और इन्सान को
    जीना सीखा देती हैं
    bhawpurn rachna

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  9. सच में कल्पनाएँ पुल का काम करती हैं .
    सरल भाषा में उत्तम विचार .
    -----sahityasurbhi.blogspot.com

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  10. कल्पनाएँ अपने
    होने एक आभास
    करा देती हैं
    और इन्सान को
    जीना सीखा देती हैं
    sahi hai...shaandaar rachna
    :)

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  11. सचमुच कल्पनाएं जिंदगी और हमारे बीच संभावनाओं के कई पुल रच देती हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी हमें जीना सिखा देती हैं. बेहद सारगर्भित और मर्मस्पर्शी रचना.
    सादर,
    डोरोथी.

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  12. इसे एक सुखद संयोग ही कहा जाएगा कि मैंने एक खयाल लिखा और आपने कल्पनाएं कविता द्वारा मनोभावों का खूबसूरत चित्रण किया है।

    जवाब देंहटाएं
  13. इसे एक सुखद संयोग ही कहा जाएगा कि मैंने एक खयाल लिखा और आपने कल्पनाएं कविता द्वारा मनोभावों का खूबसूरत चित्रण किया है।

    जवाब देंहटाएं
  14. इसे एक सुखद संयोग ही कहा जाएगा कि मैंने एक खयाल लिखा और आपने कल्पनाएं कविता द्वारा मनोभावों का खूबसूरत चित्रण किया है।

    जवाब देंहटाएं
  15. सच में कभी कभी कल्पनाएँ जीने का सहारा बन जाती हैं! बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

    जवाब देंहटाएं
  16. कल्पनाये बहुत जरुरी हैं ..सुन्दर रचना.

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  17. सच कहा है आप ने कल्पना अपने होने का आभास करा देती है| धन्यवाद|

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  18. कल्पनाएँ ही हमे जीना के लिये प्रेरित करती हे,जब कि खुद यह कुछ भी नही, बहुत ही सुंदर कविता, धन्यवाद

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  19. 'कल्पना' को शब्दों में बहुत ही गहराई से व्यक्त किया है.

    सादर
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    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत ही सुंदर लिखा है आपने...........
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

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  21. बहुत सुंदर..... कल्पना से सजी बेहतरीन कविता ....

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  22. Kalpanayen kya kya kar sakti hai,iska khoobsurat ahasas aapne bahut sunder dhang se karaya hai.Isiliye sunder sunder kalpna karte rehne me man ko aanand ki prapti hoti rehati hai.Yun to iswar ki bhi ek kalpana hai,likin
    man yadi ati pragadata se is kalpana me leen ho jaye to kehte hai ki yeh kalpana bhi sakar ho uthti hai.

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  23. मगर कुछ भ्रम
    मधुर होते हैं।

    बिल्कुल सही कहा आपने,
    कुछ मधुर कल्पनाओं के सहारे ही ज़िदगी की कठिन राह आसान लगने लगती है।

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  24. बेशक कल्पनाओं का
    कोई अस्तित्व नहीं
    मगर फिर भी
    कल्पनाएँ अपने
    होने एक आभास
    करा देती हैं
    कल्पनाओं का होना ही उनके सच होने की आधारशिला है

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  25. सच कहा वन्दना जी
    माना कल्पनाओं का आधार नही होता मगर कई बार यह हमारे जीवन को नयी दिशा दे देती है ।

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  27. वाकई सच कह रहीं हैं आप ....सोंचने को मजबूर करती रचना ! शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  28. कल्पनाएँ प्रेरणा होती हैं जीवन की.. सुन्दर कविता..

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  29. कल्पनाएँ प्रेरणा होती हैं जीवन की.. सुन्दर कविता..

    जवाब देंहटाएं
  30. बेशक कल्पनाओं का
    कोई अस्तित्व नहीं
    मगर फिर भी
    कल्पनाएँ अपने
    होने एक आभास
    करा देती हैं
    बहुत सुन्दर और सच्ची बात.

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  31. ये जानते हुए भी की कल्पना सत्य नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ समय बिताना अच्छा लगता है कल्पनाओं में :)
    आपकी इस कविता को मैं अच्छे से समझ सकता हूँ....खुद की बड़ाई नहीं करना चाहता लेकिन कल्पना करने में मुझे महारथ हासिल है :) हा हा
    वैसे जो आपने कहा है ठीक कहा है..

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  32. कल्पनाओं के आकाश मे उडते हुये आदमी बहुत कुछ सीख जाता है। अच्छी रचना। बधाई।

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  33. bahut khoob sach me kalpanawo ke bina to jina hi mushil hai.. aapne ek alag vishay par sunder prastuti di hai.

    vandana ji aapne hamara blogg visit karna kam kar diya hai. sikayat hai aapse.

    जवाब देंहटाएं

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