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रविवार, 25 अक्टूबर 2009

भावों के टुकड़े

कभी कभी
कुछ भावों को ठांव नही मिलती
जैसे चिरागों को राह नही मिलती

सर्द अहसासों से दग्ध भाव
जैसे अलाव दिल का जल रहा हो

कुछ भाव टूटकर यूँ बिखर गए
जैसे रेगिस्तान में पानी की बूँद जल गई हो

कुछ भावों के पैमाने यूँ छलक रहे हैं
जैसे टूटती साँसे ज़िन्दगी को मचल रही हों



23 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ भाव टूटकर यूँ बिखर गए
    जैसे रेगिस्तान में पानी की बूँद जल गई हो
    जले हुए इन बूँदों को जरा निहारिये -- समेट लीजिए उसके जलवाष्प को यह फिर से बूँद बन जायेगा.
    बारीकी से एहसासों को पिरोया है

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  2. कुछ भावों के पैमाने यूँ छलक रहे हैं
    जैसे टूटती साँसे ज़िन्दगी को मचल रही हों

    बहुत सुन्दर रचना . वंदना जी

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  3. कुछ भावों को सचमुच ठाव नही मिलती पर रोशनी को राह की जरूरत ही नही वह तो खुद ही चारों तरफ राहों को उजागर कर देती है । अंतिम दो पंक्तियां बहुत ही सुंदर लगीं ।

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  4. जैसे टूटती साँसे ज़िन्दगी को मचल रही हों

    apne aap meiN sampoorn baat
    keh di gayi hai
    bhaavoN ko steek alfaaz ka
    libaas diya hai
    abhivaadan svikaareiN

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  5. भावनाएं भी एक मुकाम चाहती हैं,अकेली भटकना नहीं गवारा....
    बहुत गहन अभिव्यक्ति ....

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  6. क्या बात है! वंदना जी बहुत अच्छी कविता
    दीपक भारतदीप

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  7. सुंदर भावबोध की रचना..... साधुवाद स्वीकारें...

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  8. कभी कभी
    कुछ भावों को ठांव नही मिलती
    जैसे चिरागों को राह नही मिलती

    bahut sach kaha aapne..............

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  9. वन्दना बहुत सी भावनओं को गहरे मे सुन्दर ढंग से लिखा है बहुत बहुत बधाई ।

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  10. कभी कभी
    कुछ भावों को ठांव नही मिलती
    जैसे चिरागों को राह नही मिलती wah !yahi stithi to meri thi 3-4 dino se....

    कुछ भाव टूटकर यूँ बिखर गए
    जैसे रेगिस्तान में पानी की बूँद जल गई हो....

    Oasis main marichika se marasim to ho hi jaata hai !!

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  11. सच लिखा है ........ अक्सर ऐसे भाव बिखर जाते हैं ........... बहुत अच्छा लिखा है ...

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  12. कम शब्दों में बहुत कुछ लिखने लगी है आप। बहुत सुन्दर।

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  13. कुछ भावों के पैमाने यूँ छलक रहे हैं
    जैसे टूटती साँसे ज़िन्दगी को मचल रही हों.nice

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  14. आपको दीप पर्व की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ !

    कल 25/अक्तूबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  15. भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....

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