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सोमवार, 2 मार्च 2009

तेरे आने से पहले
और
तेरे जाने के बाद
तेरे रोने से पहले
और
तेरे हंसने के बाद
तेरे ग़मों से पहले
और
तेरी खुशियों के बाद
तेरी यादें,तेरी खामोशी,
तेरे दर्द,तेरे आंसू
आकर हमें घेर लेते हैं
कभी तन्हाई का
अहसास ही नही होता.

10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर लिखा है ..यही पल याद रह जाते हैं

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  2. तन्हाई तो तन्हाई है,

    इतना तन्हाई ने घेरा।

    घेरे ने सक्षम होकर,

    मन पर डाला है डेरा।।

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  3. Rooh ne rooh se baat kah dee, rooh ne rooh ki baat sunli.meri nazar mein aap ek behtareen kivitri aur lekhika hain. ismein jara bhi mujhe sandeh nahin lagta.kavitayen padi to kavitaon ka ho gaya.man ka tartamy toot ta hi nahin.aap ki kavitaon mein chumbkatv hai. vaah!!!Vandnaji Vaah!!!

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  4. वाह जी वाह।
    सच आपके पास बहुत कुछ लिखने को। हम तो विषय ही ढूढते रह जाते है।

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  5. kabhi tanhaaee ka ehsaas hi nahi hota...
    waah ! jaane kitne diloN ki un-kahi-si baat
    keh di aapne......
    achhi rachnaa. . . .
    ---MUFLIS---

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  6. bahut ,gahrai se lkhi gai rachana vandana ji

    badhai ho


    take care
    regards
    vijay

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