tag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post577093791076812691..comments2024-01-24T09:30:54.872+05:30Comments on ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: मुझे तो महज तमाशबीन सा खड़ा रहना है vandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-47320972042754050672013-11-28T14:38:11.705+05:302013-11-28T14:38:11.705+05:30बहुत सुन्दर आभारबहुत सुन्दर आभारMadan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-7670093349279075152013-11-24T12:46:40.951+05:302013-11-24T12:46:40.951+05:30ये तो पता नहीं की बदलेगा या नहीं ... पर फिर भी कोश...ये तो पता नहीं की बदलेगा या नहीं ... पर फिर भी कोशिश तो करनी ही होगी ... समय में बदलाव कभी तो आएगा ही ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-35676215047691136602013-11-24T11:08:36.944+05:302013-11-24T11:08:36.944+05:30एक नागरिक और वोटर की पीडा को सटीक अभिव्यक्ति दी है...एक नागरिक और वोटर की पीडा को सटीक अभिव्यक्ति दी है आपने, शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-37851869612875899582013-11-24T10:49:30.624+05:302013-11-24T10:49:30.624+05:30Sundar Sundar Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-11289405989261875282013-11-24T06:55:45.764+05:302013-11-24T06:55:45.764+05:30तमाशबीन...इससे ज्यादा कुछ भी नहीं हैं हम ..तमाशबीन...इससे ज्यादा कुछ भी नहीं हैं हम ..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-49468995664274419732013-11-23T19:17:29.411+05:302013-11-23T19:17:29.411+05:30वास्तविकता दर्शाती रचना वास्तविकता दर्शाती रचना Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-68772391734083116272013-11-23T17:49:24.931+05:302013-11-23T17:49:24.931+05:30nice nice Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06812875022419595240noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-57924748845608954962013-11-23T14:14:14.663+05:302013-11-23T14:14:14.663+05:30सच कहा शोर बहुत है आजकल ...
आम जनता सच में तमाशबीन...सच कहा शोर बहुत है आजकल ...<br />आम जनता सच में तमाशबीन से बढ़कर कुछ नहीं नहीं ..........वादें तो बहुत होते हैं लेकिन सिर्फ चुनाव तक ..बहुत बढ़िया प्रेरक प्रस्तुति ...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-2901406783218467952013-11-23T14:05:36.291+05:302013-11-23T14:05:36.291+05:30आपके मन के भाव आज न केवल आपके हैं अपितु हर संवेदनश...आपके मन के भाव आज न केवल आपके हैं अपितु हर संवेदनशील नागरिक के हैं। माना कि घोर निराशा का वातावरण बन चुका है। सोचने-विचारने की क्षमता समस्याओं के निवारण में थक चुकी है। जिससे से अपेक्षा होती है वह भी तत्काल आशाओं पर पानी फिराता नज़र आने लगता है । जो आदर्श बनाते हैं वे भी क्षण-भंगुर साबित होते हैं। ऐसे में किसकी ऒर निहारें????? ............. यह प्रश्न आज का नहीं है। समय-समय पर ऎसी विकट स्थितियाँ बनती रही हैं। <br /><br />हम वही देखते हैं, जो 'मीडिया' द्वारा दिखाया जाता है। हम वही जानते हैं जो हमें कई माध्यमों से बताया जाता है। और कोई तरीका भी तो नहीं वास्तविकता जानने का। <br /><br />प्रायः मीडिया अपनी साख को भुनाता है और अपना मूल्यांकन किसी-न-किसी रूप में वसूलता भी है। <br /><br />जो मीडिया उसूलों से समझोता नहीं करता और सच को बताने और दिखाने में तत्पर रहता है वह अल्पकालिक जीवन जीता है। <br /><br />विषम और विपरीत स्थितियों में जो जीता है उसकी जिजीविषा से ही भावी पीढ़ी प्रेरणा पाती है। <br /><br /><br />आपकी रचना अंत में सवाल करती है इसलिए उत्तर देने में 'उपदेश' दे बैठा। अन्यथा न लेना। <br />प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.com