tag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post4659027549944102986..comments2024-01-24T09:30:54.872+05:30Comments on ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: उम्र कैद की सजा काटने को विवश होती हैं................vandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-60165799638227060312012-02-07T16:59:47.497+05:302012-02-07T16:59:47.497+05:30बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-45992089838079367082012-02-07T15:32:58.584+05:302012-02-07T15:32:58.584+05:30सोचने पर मजबूर करती रचना !
अनुपम प्रस्तुति के लिय...सोचने पर मजबूर करती रचना !<br />अनुपम प्रस्तुति के लिये बधाई !Jeevan Pushphttps://www.blogger.com/profile/15866178821083740220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-58524690104674539282012-02-07T11:24:01.225+05:302012-02-07T11:24:01.225+05:30सोचने को विवश करती है रचना ... पर क्या उम्र के उस ...सोचने को विवश करती है रचना ... पर क्या उम्र के उस दौर में चाहतें नहीं होती ... कई बार साथी नहीं होते पर हाँ यादें तो होती ही हैं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-21221019039541316682012-02-07T10:26:53.276+05:302012-02-07T10:26:53.276+05:30बहुत सुन्दर सृजन , सुन्दर भावाभिव्यक्ति .बहुत सुन्दर सृजन , सुन्दर भावाभिव्यक्ति .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-19475672250556203212012-02-07T09:13:48.932+05:302012-02-07T09:13:48.932+05:30सुन्दर, तभी तो कहते हैं कि जिन्दगी कैसी है पहेली ...सुन्दर, तभी तो कहते हैं कि जिन्दगी कैसी है पहेली हाये.....................!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-77368596318684033632012-02-06T23:20:47.706+05:302012-02-06T23:20:47.706+05:30jiwan ka yah padaav suna hai bahut dukhdayi hota h...jiwan ka yah padaav suna hai bahut dukhdayi hota hai...lekin sacchayi to vahi bata sakta hai jo is padaav se guzer raha ho.<br /><br />sunder yatharthpoorn kavita.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-39872252454592712752012-02-06T22:14:11.723+05:302012-02-06T22:14:11.723+05:30वंदना जी,..जहां तक मेरा मान्ना है,उस पदाव पर अगर आ...वंदना जी,..जहां तक मेरा मान्ना है,उस पदाव पर अगर आपस में अटूट प्रेम के भाव हो,अंतिम साँस तक एक दुसरे के लिए बोझ नही लगती,धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-26448062908481927542012-02-06T21:21:45.358+05:302012-02-06T21:21:45.358+05:30सच कहती है आप जीवन के अंतिम दिन में वो
बात नही हो...सच कहती है आप जीवन के अंतिम दिन में वो <br />बात नही होती है जो शुरुवाती दिन में ,<br />बुढापे में जब शरीर कमजोर हो जाता है तो जीवन बोझ सा हि लगता है <br />एकदम सहमत हु आपकी बात से ..<br />और इस रचना के तो क्या कहने जीवन कि यथार्थ झलकती है <br />रचना में ...बहूत हि सुंदर , बेहतरीन रचना है ...मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-91731758257935219812012-02-06T21:09:49.464+05:302012-02-06T21:09:49.464+05:30प्रेम के विभिन्न चरणों का विवरण का इस कविता में सम...प्रेम के विभिन्न चरणों का विवरण का इस कविता में समावेश सोचने के लिये छोड जाता है पढ़ने के बाद भी.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-6802443488604675932012-02-06T19:23:36.245+05:302012-02-06T19:23:36.245+05:30बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
मेरे ब्लॉग पर आपक...बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......<br />मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।Shanti Garghttps://www.blogger.com/profile/03904536727101665742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-60332041642062027492012-02-06T18:26:43.908+05:302012-02-06T18:26:43.908+05:30Wakt ki salibo pe tangi do atmaye jism ki bandish ...Wakt ki salibo pe tangi do atmaye jism ki bandish mai kaid umra kaid ki saja katne ko vivsh hoti hai<br /> APNE ERD GIRD DONO HI ANUBHAV SE GUJRA HOO,KUCH AISE BHI DEKHE HAI JINHONE ES BAT KO JHUTHLAYA HAI,pHIR BHI EK BADI SACCHAIE KO DARSHATI KAVITAdr.mahendraghttps://www.blogger.com/profile/07060472799281847141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-62112273505537358652012-02-06T18:11:32.103+05:302012-02-06T18:11:32.103+05:30उम्र के इस पड़ाव में जब जिन्दगी के अनुभव और वास्तव...उम्र के इस पड़ाव में जब जिन्दगी के अनुभव और वास्तविकताएं भी महसूस की होती हैं तब एक नया अनुभव होता है जीवन का सब कुछ सामने घटित हो रहा होता है और हम बेबस होते हैं ....जिसे आपने बैगाना कहा है ...एक नया दृष्टिकोण उभर कर आया है आपकी इस रचना में ....!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-88813988859081127592012-02-06T18:10:57.408+05:302012-02-06T18:10:57.408+05:30उम्र के इस पड़ाव में जब जिन्दगी के अनुभव और वास्तव...उम्र के इस पड़ाव में जब जिन्दगी के अनुभव और वास्तविकताएं भी महसूस की होती हैं तब एक नया अनुभव होता है जीवन का सब कुछ सामने घटित हो रहा होता है और हम बेबस होते हैं ....जिसे आपने बैगाना कहा है ...एक नया दृष्टिकोण उभर कर आया है आपकी इस रचना में ....!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-2551177387842036752012-02-06T18:06:53.592+05:302012-02-06T18:06:53.592+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति!बहुत अच्छी प्रस्तुति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-4665873433735890752012-02-06T17:11:25.653+05:302012-02-06T17:11:25.653+05:30yah kavy sanjidigi ko liye huye hai...yah kavy sanjidigi ko liye huye hai...आशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-83412349990792906712012-02-06T17:06:03.012+05:302012-02-06T17:06:03.012+05:30बहुत सार्थक लिखा है आपने...
जीवन के इस पहलु पर ध्य...बहुत सार्थक लिखा है आपने...<br />जीवन के इस पहलु पर ध्यान अक्सर जाता नहीं...या शायद मुँह फेर लेते हैं हम सच्चाई से..<br /><br />शुभकामनाएँ.vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-35479112905734093452012-02-06T15:12:40.406+05:302012-02-06T15:12:40.406+05:30जीवन का यह पड़ाव बहुत कुछ सोचने को विवश करता है..जीवन का यह पड़ाव बहुत कुछ सोचने को विवश करता है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-10787637645921331802012-02-06T15:08:15.303+05:302012-02-06T15:08:15.303+05:30सांसे तो सभी की अपनी ही होती हैं .
लेकिन सहवास मे...सांसे तो सभी की अपनी ही होती हैं . <br />लेकिन सहवास में भी सुख होता है .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-89011078404843180942012-02-06T14:35:55.041+05:302012-02-06T14:35:55.041+05:30क्या लिखूं इसे पढ़ कर समझ नहीं आ रहा ..क्या सचमुच र...क्या लिखूं इसे पढ़ कर समझ नहीं आ रहा ..क्या सचमुच रिश्ते इतने बोझिल हो जाते हैं..?! पता नहीं .. ..क्या मालूम परिस्थति कैसी हो?<br />कई सवाल खड़े करती है आपकी ये रचना..<br />kalamdaan.blogspot.inRITU BANSALhttps://www.blogger.com/profile/14474354506605954847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-13002631947656585292012-02-06T14:28:53.582+05:302012-02-06T14:28:53.582+05:30अंत बहुत अच्छा है कविता का.....शानदार |अंत बहुत अच्छा है कविता का.....शानदार |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-74508601950617443922012-02-06T14:14:07.363+05:302012-02-06T14:14:07.363+05:30ज़िन्दगी के उन लम्हों की अकुलाहट के दर्द का बड़ा ह...ज़िन्दगी के उन लम्हों की अकुलाहट के दर्द का बड़ा ही मार्मिक चित्रण किया है !<br />वंदना जी, साधुवाद स्वीकार करें !<br />आभार !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-34929459814249318322012-02-06T13:33:37.997+05:302012-02-06T13:33:37.997+05:30सच है एक मोड़ पर आकर अपनी स्वयं की जिन्दगी एक बोझ ...सच है एक मोड़ पर आकर अपनी स्वयं की जिन्दगी एक बोझ लगने लगती है.जब शरीर जवाब देने लगता है और खुद को निसहाय महसूस करने लगते है ऐसे में जिन्दगी कैद सी लगती है..कुछ अलग सा विषय अलग सी सोच..बहुत सुन्दर वंदना जी..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-23754341462876450682012-02-06T13:24:27.238+05:302012-02-06T13:24:27.238+05:30सिर्फ़ कोशिश नही अरुण जी ऐसा होते देखा भी है तभी ल...सिर्फ़ कोशिश नही अरुण जी ऐसा होते देखा भी है तभी लिखा है ………ज़िन्दगी के एक मोड पर आकर रिश्ते बेमानी से होने लगते हैं क्योंकि अपना आप तो चल नही पाता दोनो एक ही पडाव पर होते हैं ऐसे मे दूसरे की सेवा भी बोझ लगने लगती है………बहुत मुश्किल हालात होते हैं वो जब दोनो ही निस्सहाय होते हैं और सांसें पूरी करने को मजबूर तब वो उम्र कैद की सज़ा से कम नही होता जीना।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-29450293895149242512012-02-06T13:17:57.830+05:302012-02-06T13:17:57.830+05:30रिश्ते को नए तरह से देखने की कोशिश है इस कविता में...रिश्ते को नए तरह से देखने की कोशिश है इस कविता में....अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.com