tag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post3500288272057264669..comments2024-01-24T09:30:54.872+05:30Comments on ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: शिक्षा का स्तर ---------कल और आज ?vandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-45402139998362118702010-09-09T00:28:32.324+05:302010-09-09T00:28:32.324+05:30चिंतनपरक आलेख !चिंतनपरक आलेख !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-54536932908171560722010-09-07T09:26:19.121+05:302010-09-07T09:26:19.121+05:30"कल की तुलना कभी भी आज से नहीं की जा सकती......."कल की तुलना कभी भी आज से नहीं की जा सकती......कल हमारी धरोहर है....मगर आज भविष्य "<br /><br />बहुत सुन्दर और सार्थक आलेख !!Kusum Thakurhttps://www.blogger.com/profile/02345756853367472461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-15756023174394437032010-09-06T10:51:25.676+05:302010-09-06T10:51:25.676+05:30वंदना जी,
सबसे पहले तो ऐसे लेख के लिए धन्यवाद.......वंदना जी,<br /><br />सबसे पहले तो ऐसे लेख के लिए धन्यवाद.......मैं आपसे काफी हद तक सहमत हूँ ...पर एक बात कहना चाहूँगा ....सारा दोष सिर्फ शिक्षा को ही नहीं दिया जा सकता......संस्कार .....एक बच्चे को सबसे पहले अपने घर से मिलते हैं ...उसके बाद दुनिया शुरू होती है ....मेरा मानना है की संस्कार कभी नहीं मिटते ......अगर किसी को अछे संस्कार मिले हैं , तो वह चाहे कितने ही बुरे माहोल में रह ले, वह बुरा नहीं हो सकता....और ठीक इसका उल्टा भी है |<br /><br />अंग्रेजी में एक कहावत है जिसका अर्थ है<br /> " कोई भी इंसान वही बनता है ...जो उसकी माँ उसे बनाती है " <br /><br />माँ-बाप का एक बच्चे के जीवन पर सबसे ज्यादा असर होता है |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-42357293763233327542010-09-06T10:09:53.749+05:302010-09-06T10:09:53.749+05:30बहत ख़ूबसूरत, शानदार और लाजवाब प्रस्तुती !
शिक्षक ...बहत ख़ूबसूरत, शानदार और लाजवाब प्रस्तुती !<br />शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-83570187151553078542010-09-06T02:20:17.243+05:302010-09-06T02:20:17.243+05:30परिवर्तन तो हर व्यवस्था में होते रहे हैं और होते र...परिवर्तन तो हर व्यवस्था में होते रहे हैं और होते रहेंगे ।विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-64325415129334377472010-09-05T22:20:51.193+05:302010-09-05T22:20:51.193+05:30दुरंगी शिक्षा नीति का यही परिणाम होगा!
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भारत के ...दुरंगी शिक्षा नीति का यही परिणाम होगा!<br />--<br />भारत के पूर्व राष्ट्रपति <br />डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिन <br />शिक्षकदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-86872976800077743002010-09-05T22:00:22.809+05:302010-09-05T22:00:22.809+05:30व्यवस्था में कहीं मूलभूत दोष है। जो हम सोच रहे हैं...व्यवस्था में कहीं मूलभूत दोष है। जो हम सोच रहे हैं, कर नहीं पा रहे हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-71309556283125378762010-09-05T21:06:38.053+05:302010-09-05T21:06:38.053+05:30bahut hi spasht aalekh haibahut hi spasht aalekh haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-8229089248291137252010-09-05T20:37:26.560+05:302010-09-05T20:37:26.560+05:30Vandana,bade manse aalekh kikha hai..afsos kee baa...Vandana,bade manse aalekh kikha hai..afsos kee baat ye hai,ki,hamare pariwaron me sahi nagrikatv kee shiksha nahi dee jati.Yahi wajah hai ki widyarthi aur shikshak inka paraspar samanway nahi hota...apne yahan pariksharthi nirmaan hote hain.Shikshak paison se matlab rakhte hain,widyarthi maarks se...!Insaniyat kaa nata kiska kiske saath hota hai?shamahttps://www.blogger.com/profile/10349457755551725245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-12314745935169826012010-09-05T19:52:08.387+05:302010-09-05T19:52:08.387+05:30बेशक शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बदलाव आया है । मूल...बेशक शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बदलाव आया है । मूल्यों की गिरावट नज़र आ रही है । लेकिन बढती आबादी के साथ अभी भी अशिक्षित लोगों की कमी नहीं है । जो शिक्षित हैं , वे भी सही मायने में शिक्षित कहलाने के लायक नहीं हैं ।<br />कहीं न कहीं शिक्षा पर व्यवस्था का असर ही दिखाई देता है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-49268816919218221192010-09-05T19:44:12.338+05:302010-09-05T19:44:12.338+05:30यहाँ केवल एक ही व्यक्ति दोषी नहीं है हर कोई कहीं न...यहाँ केवल एक ही व्यक्ति दोषी नहीं है हर कोई कहीं न कहीं दोषी हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-28428524251930185172010-09-05T16:13:11.933+05:302010-09-05T16:13:11.933+05:30बहुत सही कहा आपने, परंतु इसके लिये हम भी कहीं ना क...बहुत सही कहा आपने, परंतु इसके लिये हम भी कहीं ना कहीं जिम्मेदार तो हैं ही.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-91355097184929812542010-09-05T15:12:21.852+05:302010-09-05T15:12:21.852+05:30सही कहा आपने...हालात ऐसे ही है...लेकिन हम आशा कर स...सही कहा आपने...हालात ऐसे ही है...लेकिन हम आशा कर सकतें है कि इतिहास अपने आप को दोहराएगा और शिक्षा को उसका यथा सन्मान और गौरव फिर से वापस मिल जाएगा!....सार्थक लेख!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-15228788620609902102010-09-05T14:11:49.100+05:302010-09-05T14:11:49.100+05:30सबसे पहले तो हमें लार्ड मेकाले की शिक्षा पद्धति से...सबसे पहले तो हमें लार्ड मेकाले की शिक्षा पद्धति से मुक्ति पानी होगी .... फिर संस्कार देने की प्रक्रिया को शिक्षा के साथ अनिवार्य करना होगा ... तभी कुछ संभावनाएँ बनेंगी .....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-37804858518716361322010-09-05T12:18:03.719+05:302010-09-05T12:18:03.719+05:30जैसी बाज़ार में मांग होती है पूर्ति भी वैसी ही होत...जैसी बाज़ार में मांग होती है पूर्ति भी वैसी ही होती है ..यही हाल शिक्षा का है ..संस्कारों का अवमूल्यन करने में हम स्वयं दोषी हैं ...हम खुद चाहते हैं कि हमारे बच्छे आज के दौर में हर क्षेत्र में सबसे आगे रहें ...और इस दौड में भूल जाते हैं कि हम क्या सिखा रहे हैं ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-74783402258129302352010-09-05T11:34:53.115+05:302010-09-05T11:34:53.115+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
शिक्षक दिवस पर हार्दिक बधाई...बहुत सुन्दर प्रस्तुति.<br />शिक्षक दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-67103545924848363762010-09-05T11:22:40.208+05:302010-09-05T11:22:40.208+05:30आज शिक्षा का मतलब जीविको पार्जन के लिए ज्ञान है .स...आज शिक्षा का मतलब जीविको पार्जन के लिए ज्ञान है .संस्कारों से क्या मतलब .अब डिग्रियां हैं ज्ञान कहाँ है .शिक्षा देने वाले भी उसी प्रकार की शिक्षा दे रहे हैं .किसी प्रकार सिलेबस पूरा हो जाये तो समझ लो शिक्षा पूरी हुई .व्यक्ति के मूल्यों मैं हास सर्वत्र हुआ है ,किसी एक पर दोषारोपण करना उचित नहीं होगा .शिक्षक ,शिष्य और समाज के अन्य प्रबुद्ध लोग भी कमोबेश कम या ज्यादा जिम्मेदार हैं .ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं इनसे सहमत होना जरूरी नहीं है.Nirantarhttps://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-45403874583193826292010-09-05T11:12:25.489+05:302010-09-05T11:12:25.489+05:30अगर हमारी शिक्षा में कुछ कमीं है तो हमारा क़ानून औ...अगर हमारी शिक्षा में कुछ कमीं है तो हमारा क़ानून और हमारे अभिभावक भी कुछ कम दोषी नहीं जो एक थप्पड़ मारने पर कानून का दरवाजा खटखटाते हैं और क़ानून भी उनको शय देता है...कुछ अपवाद अवश्य होते हैं...लेकिन ऐसे कानून लगाने से हम कैसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं ?अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-45964204424421565002010-09-05T11:01:27.311+05:302010-09-05T11:01:27.311+05:30आपने जिन विडम्बनाओं का जिक्र किया है उसके लिए हमा...आपने जिन विडम्बनाओं का जिक्र किया है उसके लिए हमारी शिक्षा नहीं हमारे जीवन मूल्य जिम्मेदार हैं। हमारे जीवन मूल्यों में गिरावट आई है। जीवन मूल्य की बाकी सब बातें तय करते हैं। हमारी शिक्षा व्यवस्था भी उन्हीं मूल्यों को बढ़ावा दे रही है जिनकी बाजार में मांग है। वास्तव में तो जीवन मूल्य गिरे ही नहीं हैं,बल्कि उनकी परिभाषाएं भी बदल गई हैं।उन पर विमर्श करने की जरूरत है।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com