tag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post2824914270347139404..comments2024-01-24T09:30:54.872+05:30Comments on ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र: कृष्ण लीला ……भाग 55vandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-39408961471120262152012-07-11T13:35:58.439+05:302012-07-11T13:35:58.439+05:30गुनीजनों ने है ये बतलाया पांच ज्ञानेन्द्रियाँ (5) ...गुनीजनों ने है ये बतलाया पांच ज्ञानेन्द्रियाँ (5) पांच कर्मेन्द्रियाँ और एक मन (6) पांच और छः होते हैं ग्यारह इस तरह मिलाकर हो गया ५६ प्रकार का भोजन जहाँ मन ,वचन और कर्म से प्रभु को पूर्ण समर्पण किया जीव का वो ही प्रभु को ५६ प्रकार का भोजन हुआ सर्वस्व समर्पण का भाव ही प्रभु ने है बतलाया पर इतनी सी बात ही जीव कभी समझ न पाया <br /><br />५६ यानि पांच ज्ञानेन्द्रियाँ, पांच कर्मेन्द्रिया और एक मन ...हो गए छप्पन.<br /><br />बहुत खूब वंदना जी.आप महान हैं.<br />आपको शत शत वंदन.<br /><br />वैसे छप्पन भोगो में क्या क्या होता है जी.<br />सुना है छप्पन भोगो के नाम से ही लार टपकने लगती है.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-6087454946680356842012-07-10T20:58:26.551+05:302012-07-10T20:58:26.551+05:30सार्थक और सामयिक पोस्ट , आभार .
कृपया मेरी नवीनत...सार्थक और सामयिक पोस्ट , आभार .<br /><br /> कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना शुभाशीष प्रदान करें , आभारी होऊंगा .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-17977572977529480272012-07-10T20:32:00.059+05:302012-07-10T20:32:00.059+05:30बहुत ही रोचक वर्णन...बहुत ही रोचक वर्णन...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-68975285643170080592012-07-08T22:09:37.360+05:302012-07-08T22:09:37.360+05:30आपके साथ कान्हा की लीला का आनंद ले रहे हैं।आपके साथ कान्हा की लीला का आनंद ले रहे हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-31438218401606758062012-07-08T22:02:42.559+05:302012-07-08T22:02:42.559+05:30रविवारीय महाबुलेटिन में 101 पोस्ट लिंक्स को सहेज़ क...<a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/07/101.html" rel="nofollow">रविवारीय महाबुलेटिन में 101 पोस्ट लिंक्स को सहेज़ कर यात्रा पर निकल चुकी है , एक ये पोस्ट आपकी भी है , मकसद सिर्फ़ इतना है कि पाठकों तक आपकी पोस्टों का सूत्र पहुंचाया जाए ,आप देख सकते हैं कि हमारा प्रयास कैसा रहा , और हां अन्य मित्रों की पोस्टों का लिंक्स भी प्रतीक्षा में है आपकी , टिप्पणी को क्लिक करके आप बुलेटिन पर पहुंच सकते हैं । शुक्रिया और शुभकामनाएं </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-88717571119901528902012-07-08T21:01:25.647+05:302012-07-08T21:01:25.647+05:30बहुत अच्छी रचना सुन्दर कृष्ण लीला पाठ पढने को मिल ...बहुत अच्छी रचना सुन्दर कृष्ण लीला पाठ पढने को मिल रहा है जो मैंने कभी नहीं पढ़ा बहुत बहुत आभार वंदना जीRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-7739398314315855032012-07-08T20:48:52.979+05:302012-07-08T20:48:52.979+05:30Very nice post.....
Aabhar!
Mere blog pr padhare.Very nice post.....<br />Aabhar!<br />Mere blog pr padhare.Sanjuhttps://www.blogger.com/profile/00171018255400064717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-3139672561116753782012-07-08T19:30:53.086+05:302012-07-08T19:30:53.086+05:30कान्हा गोवर्धन को धारे..कान्हा गोवर्धन को धारे..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-36082911797132919302012-07-08T18:27:36.881+05:302012-07-08T18:27:36.881+05:30@डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) आपका कहना ...@डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) आपका कहना सही है शास्त्री जी मगर मैने अपने चित्र के उपयोग के लिये कहा है और अपने नाम और अपनी पोस्ट के लिये खास तौर से उन लोगो के लिये जो इसका गलत उपयोग कर रहे हैं और गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं आप जैसे दोस्तों के लिये नही कहा क्योंकि जानती हूँ आप ऐसा कुछ कभी कर ही नही सकते ………ये कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हे अनुरोध किया कि मेरा नाम और चित्र हटा दो मगर तब भी नही हटा रहे तो डिस्क्लेमर लगाना पडा।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-24933889760905518592012-07-08T17:51:11.018+05:302012-07-08T17:51:11.018+05:30बहुत उम्दा!
पोस्ट आपकी है मगर चित्र तो आपने भी कही...बहुत उम्दा!<br />पोस्ट आपकी है मगर चित्र तो आपने भी कहीं से लगाया है। गूगल की सुविधा है कि आभार के साथ चित्र ब्लॉग पर लगाया जा सकता है।<br />इसीलिए तो गूगल ने छवियों की खोज का विकल्प हमें दिया है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-29825624814682178352012-07-08T16:28:26.726+05:302012-07-08T16:28:26.726+05:30बहुत सुंदर रोचक प्रस्तुति,,,,,
RECENT POST...: दो...बहुत सुंदर रोचक प्रस्तुति,,,,,<br /><br />RECENT POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/07/blog-post_05.html" rel="nofollow">...: दोहे,,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-73810030424025353142012-07-08T14:15:01.775+05:302012-07-08T14:15:01.775+05:30भगवान् श्री कृष्ण की लीला न्यारी .....
बहुत ही खुब...भगवान् श्री कृष्ण की लीला न्यारी .....<br />बहुत ही खुबसूरत लगा , कृष्ण लीला का वर्णन |Suresh kumarhttps://www.blogger.com/profile/05489753526784353258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-43744697918423146552012-07-08T13:22:48.940+05:302012-07-08T13:22:48.940+05:30बहुत सुन्दर वंदना जी....
शुक्रिया
अनुबहुत सुन्दर वंदना जी....<br /><br />शुक्रिया<br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-7131658401391719532012-07-08T12:48:44.478+05:302012-07-08T12:48:44.478+05:30अति सुन्दर ..अति सुन्दर ..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5399383406117123449.post-10081008204988989592012-07-08T11:52:08.919+05:302012-07-08T11:52:08.919+05:30रोचक संदर्भरोचक संदर्भसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com